Jab Raat Ki Tanhai

Bashir Badr

जब रात की तन्हाई
जब रात की तन्हाई दिल बन के धड़कती है
जब रात की तन्हाई दिल बन के धड़कती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई, जब रात की तन्हाई

यूँ प्यार नहीं छुपता पलकों के झुकाने से
यूँ प्यार नहीं छुपता पलकों के झुकाने से
आँखों के लिफ़ाफ़ों में
आँखों के लिफ़ाफ़ों में तहरीर चमकती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई, जब रात की तन्हाई

ख़ुश-रंग परिंदों के लौट आने के दिन आये
ख़ुश-रंग परिंदों के लौट आने के दिन आये
बिछड़े हुये मिलते हैं
बिछड़े हुये मिलते हैं जब बर्फ पिघलती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई, जब रात की तन्हाई

शोहरत की बुलन्दी भी पल भर का तमाशा है
शोहरत की बुलन्दी भी पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई दिल बन के धड़कती है
जब रात की तन्हाई

Wissenswertes über das Lied Jab Raat Ki Tanhai von Asha Bhosle

Wann wurde das Lied “Jab Raat Ki Tanhai” von Asha Bhosle veröffentlicht?
Das Lied Jab Raat Ki Tanhai wurde im Jahr 1985, auf dem Album “Aabshaar-E-Ghazal” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Jab Raat Ki Tanhai” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Jab Raat Ki Tanhai” von Asha Bhosle wurde von Bashir Badr komponiert.

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