Jab Se Tumhen Dekha Hai Gharana [Commentary]

Shakeel Badayuni

आजि अब सुनिए गीत माला के बारे मैं और गीत माला की शाव के बारे मैं
जब से तुम्हें देखा है
आँखों में तुम ही तुम हो
हम भी यही कहते है
साँसों में तुम ही तुम हो
जब से तुम्हें देखा है
आँखों में तुम ही तुम हो

आ गए प्यार के दिन
बेखुदी चाहने लगी
मस्तिया झूम उठी
ज़िन्दगी गाने लगी
आ गए प्यार के दिन
बेखुदी चाहने लगी
मस्तिया झूम उठी
ज़िन्दगी गाने लगी
ज़िन्दगी गाने लगी
दिल के नए नग्मों की
तनो में तुम ही तुम हो
दिल के नए नग्मों की
तनो में तुम ही तुम हो
हम भी यही कहते है
साँसों में तुम ही तुम हो
जब से तुम्हें देखा है
आँखों में तुम ही तुम हो

आ आ जब से पाया है तुम्हे
भीगा भीगा है समां
जब से चाहा है तुम्हे
हर नज़ारा है जवा
जब से पाया है तुम्हे
भीगा भीगा है समां
जब से चाहा है तुम्हे
हर नज़ारा है जवा
हर नज़ारा है जवा
दिल में तुम ही रहते हो
यादो में तुम ही तुम हो
दिल में तुम ही रहते हो
यादो में तुम ही तुम हो
हम भी यही कहते है
साँसों में तुम ही तुम हो
जब से तुम्हें देखा है
आँखों में तुम ही तुम हो

Wissenswertes über das Lied Jab Se Tumhen Dekha Hai Gharana [Commentary] von Asha Bhosle

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Das Lied “Jab Se Tumhen Dekha Hai Gharana [Commentary]” von Asha Bhosle wurde von Shakeel Badayuni komponiert.

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