Jab Sur Alag Ho Saaz Se

Gopal Singh Nepali

जब सुर अलग हो साज़ से
ए ए ए ए ए
लय मुँह ना खोलेगी कभी
बिछड़े मिले तो सुर मिले ए ए
पायाल भी बोलेगी तभी

नाचे छम छम
आँसू हरदम
मुझ बिरहन के गाल पे
बोल बिरह के बोल पायलिया
दुखियारी के हाल पे
दुखियारी के हाल पे

रहा बुलबुलों का इक जोड़ा
सजनी के सजन बिछुडा
चमन उजड़ा
रो के काटी रात अंधेरी
बुलबुल सूखी डाल पे
बोल बिरह के बोल पायलिया
दुखियारी के हाल पे
दुखियारी के हाल पे

नारी बद्री एक जगत में
बादरिया यहाँ बरसे वहाँ बरसे
नारी का जीवन सावन की
रिमझिम रिमझिम ताल पे
बोल बिरह के बोल पायलिया
दुखियारी के हाल पे
दुखियारी के हाल पे

झूम चली मैं पिया मिलन को
बेदर्दी मुझे जाने ना पहचाने
मिलन हुआ तो पिया ना माने
सर मारू दीवाल पे
बोल बिरह के बोल पायलिया
दुखियारी के हाल पे
दुखियारी के हाल पे

Wissenswertes über das Lied Jab Sur Alag Ho Saaz Se von Asha Bhosle

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Das Lied “Jab Sur Alag Ho Saaz Se” von Asha Bhosle wurde von Gopal Singh Nepali komponiert.

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