Kab Ke Bichhade
कब के बिछड़े आज मिले है
अब तुम दूर न जाना
बाबा अपनी इस गुड़िया को
देखो फिर से न रुलाना
कब के बिछड़े आज मिले है
अब तुम दूर न जाना
बाबा अपनी इस गुड़िया को
देखो फिर से न रुलाना
तुमको पा कर मेरे बाबा
जैसे बचपन लौट आया
बरसो तरसती रही है तुम्हारी लाड़ली
आ आ आ आ आ
हम्म हम्म हम्म हम्म