Kahan Se Laai Ho Janeman

O P Nayyar, S H Bihari

कहा से लायी हो जानेमन ये
किताबी चेहरा गुलाबी आँखें

कहा से लायी हो जानेमन ये
किताबी चेहरा गुलाबी आँखें
कभी भी जिनका नशा न उतरे
यही तो है वो शराबी आँखे
कहा से लायी हो जानेमन ये
किताबी चेहरा गुलाबी आँखें
कभी भी जिनका नशा न उतरे
यही तो है वो शराबी आँखे
कहा से लायी हो जानेमन

यही वो आँखे है जिनके मोती
चमक रहे है समुन्द्रो में आ हा हा
यही हो चेहरा है पूजते है
यही हो चेहरा है पूजते है
जिसे पुजारी भी मंदिरों में ह्म ह्म ह्म
चमन में करती है रोज सबनम
कली कली से तुम्हारी बाते
कभी भी जिनका नशा न उतरे
यही तो है वो शराबी आँखे
कहा से लायी हो जानेमन

नजर ये कहती है तुमसे मिलकर
कभी न तुमसे नजर हटाउ आ हा हा
तुम्हारी सूरत ही सामने हो
तुम्हारी सूरत ही सामने हो
तुम्ही को बस देखता ही जाऊ ह्म ह्म ह्म
युही गुजारू मैं जिंदगी के
तमाम दिन और तमाम राते
कभी भी जिनका नशा न उतरे
यही तो है वो शराबी आँखे
कहा से लायी हो जानेमन ये
किताबी चेहरा गुलाबी आँखें
कभी भी जिनका नशा न उतरे
यही तो है वो शराबी आँखे
कहा से लायी हो जानेमन

Wissenswertes über das Lied Kahan Se Laai Ho Janeman von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Kahan Se Laai Ho Janeman” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Kahan Se Laai Ho Janeman” von Asha Bhosle wurde von O P Nayyar, S H Bihari komponiert.

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