Kaise Kahoon Man Ki Baat
आ कैसे कहु मन की बात सजना से
कैसे कहु मन की बात
हो ओ ओ बात में मन के कह नही पाऊ
लाज ना छोड़े साथ रे
कैसे कहु मन की बात, बात रे
कैसे कहु मन की बात सजन से, बात सजन से
अचरा संभालु कभी अचरा संभालु
अचरा संभालु कभी इट उत्त् देखु
जब कोई देखे नही तभी उत्त् देखु
बात मैं मन की कह नही पाऊ
लाज ना छोड़े साथ रे
कैसे कहु मन की बात सजन से, बात सजन से
समझत नाही अखियाँ के इशारे
समझत नाही अखियाँ के इशारे
झुकी झुकी जाती है जो शर्म के मारे
बात मैं मन की कह नही पाऊ
लाज ना छोड़े साथ रे
कैसे कहु मन की बात
कैसे कहु मन की बात