Khat Likh De [Revival]

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

अब के बरस भी बीत न जाये
ये सावन की रातें
देख ले मेरी ये बेचैनी
और लिख दे दो बातें
खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू
खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू
कोरे कागज़ पे लिख दे सलाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
कैसे होती है सुबह से शाम बाबू
कैसे होती है सुबह से शाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू
कोरे कागज़ पे लिख दे सलाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
खत लिख दे

सारे वादे निकले झूठे
सामने हो तो कोई उनसे रूठे
सामने हो तो कोई उनसे रूठे
ले गई बैरन शहर पिया को
राम करे कि ऐसी नौकरी छूटे
उन्हें जिसने जिसने उन्हें जिसने बनाया गुलाम बाबू
कोरे कागज़ पे लिख दे सलाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
खत लिख दे लिख दे हाँ

जब आएंगे सजना मेरे
खन खन खनकेंगे कँगना मेरे
खन खन खनकेंगे कँगना मेरे
पास गली में घर है मेरा
उस दिन तू भी आना अँगना मेरे
कुछ तुझको तुझको कुछ तुझको मैं दूँगी ईनाम बाबू
कोरे कागज़ पे लिख दे सलाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
खत लिख दे

और बहुत कुछ है लिखवाना
कैसे बता दूँ तुझे तू बेगाना
कैसे बता दूँ तुझे तू बेगाना
शर्म से आँखें झुक जाएंगी
धड़क उठेगा मेरा दिल दीवाना
बस आगे आगे बस आगे नहीं तेरा काम बाबू
कोरे कागज़ पे लिख दे सलाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
कैसे होती है सुबह से शाम बाबू
कैसे होती है सुबह से शाम बाबू
वो जान जाएंगे, पहचान जाएंगे
खत लिख दे

Wissenswertes über das Lied Khat Likh De [Revival] von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Khat Likh De [Revival]” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Khat Likh De [Revival]” von Asha Bhosle wurde von ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA komponiert.

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