Koi Raag Chhed Dabi Aag Chhed
कोई राग छेड़ दबी आग छेड़
के यही है ज़िंदगानी
कही है बाहर कही पर निसार
कोई माँग ले निशानी
कोई राग छेड़ दबी आग छेड़
के यही है ज़िंदगानी
कही है बाहर कही पर निसार
कही बाँध ले निशाना
कोई राग हो
अभी वक़्त महर्बा है
अभी ज़िंदगी जावा है
अभी वक़्त महर्बा है
अभी ज़िंदगी जावा है
ये समा तेरा समा है कोई राग छेड़
नित आहो के इशारे
ये खिले खिले नज़ारे
नित आहो के इशारे
ये खिले खिले नज़ारे
मुझे कह रहे है सारे कोई राग छेड़
ज़रा दिल की सुन सुना ले
ज़रा खुद को आज़मा ले
ज़रा दिल की सुन सुना ले
ज़रा खुद को आज़मा ले
कोई आरज़ू जगा ले कोई राग छेड़
कोई राग छेड़ दबी आग छेड़
के यही है ज़िंदगानी
कही है बाहर कही पर निसार
कोई माँग ले निशानी कोई राग छेड़