Kuchh Is Tarah Woh

KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan

आ बुलबुल के नशेमन पर
बिजली तो गिरी लेकिन
हाए कम्बख्त को गिरने का अंदाज़ नही आया

कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है
कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है
के जैसे आग से दामन बचा के बैठे है
कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है

ये बार बार मेरे दिल से आ रही है सदा
के जैसे वो
आ आ आ आ आ
के जैसे वो मेरी महफ़िल मे आके बैठे है
कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है

करीब उनके हुए थे सज़ा ये खूब मिली
के सारी दुनिया से
आ आ आ आ आ
के सारी दुनिया से अब दूर जाके बैठे है
कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है

ये जानते है के दुश्मन है आस्मा अपना
मगर दुआ के लिए
आ आ आ आ आ
मगर दुआ के लिए हाथ उठा के बैठे है
कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है
के जैसे आग से दामन बचा के बैठे है
कुछ इस तरह वो मेरे पास आके बैठे है

Wissenswertes über das Lied Kuchh Is Tarah Woh von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Kuchh Is Tarah Woh” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Kuchh Is Tarah Woh” von Asha Bhosle wurde von KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan komponiert.

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