Log Kehte Hain

Bashir Badr

लोग कहते हैं अजनबी तुम हो
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो

दिल किसी और का ना हो पाया
दिल किसी और का ना हो पाया
आरजू मेरी आज भी तुम हो
आरजू मेरी आज भी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो

मुझको अपना शरीक-ए-ग़रम कर लो
मुझको अपना शरीक-ए-ग़रम कर लो
मुझको अपना शरीक-ए-ग़रम कर लो
यूँ अकेले बहुत दुखी तुम हो
यूँ अकेले बहुत दुखी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
किस ज़माने के आदमी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो ओ ओ ओ
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो ओ ओ ओ

Wissenswertes über das Lied Log Kehte Hain von Asha Bhosle

Wann wurde das Lied “Log Kehte Hain” von Asha Bhosle veröffentlicht?
Das Lied Log Kehte Hain wurde im Jahr 1985, auf dem Album “Aabshaar-E-Ghazal” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Log Kehte Hain” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Log Kehte Hain” von Asha Bhosle wurde von Bashir Badr komponiert.

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