Masti Ke Hai Din Char

Hassan Kamal, R D Burman

मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
आरज़ू छलकी छलकी छलकी
जैसे हल्की हल्की रंग प्यार के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
आरज़ू छलकी छलकी छलकी
जैसे हल्की हल्की रंग प्यार के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के

हो अभी अभी ऐसी हवा चली
दिल को भीगा गयी जैसे घटा कोई
हो अभी अभी ऐसी हवा चली
दिल को भीगा गयी जैसे घटा कोई
बातों में ये दिल बहकने लगे
मातम मैं सुलझने लगे
आये रहने रहने रहने
बीते महकी महकी दिन बहार की
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के

हो थमी थमी दिल में दबी दबी
अरमान जाग उठे आज अंगड़ाई लिए
हो थमी थमी दिल में दबी दबी
अरमान जाग उठे आज अंगड़ाई लिए
आने कोई हे तूफ़ान दिल
हे मेरे नादान दिल
न न खोये खोये खोये
जागे सोये सोये दर्द प्यार के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
आरज़ू छलकी छलकी छलकी
जैसे हल्की हल्की रंग प्यार के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के
मस्ती के हैं दिन चार
पुकारते चले हैं दिन बाहर के

Wissenswertes über das Lied Masti Ke Hai Din Char von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Masti Ke Hai Din Char” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Masti Ke Hai Din Char” von Asha Bhosle wurde von Hassan Kamal, R D Burman komponiert.

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