Mera Kuchh Samaan

Gulzar, R D Burman

आ आ आ आ आ

मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
वो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखे हैं
वो और मेरे इक ख़त मैं लिपटी रात पड़ी है
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
वो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखे हैं
वो और मेरे इक ख़त मैं लिपटी रात पड़ी है
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
पतझड़ है कुछ, है ना?

वो पतझड़ मैं कुछ पत्तों के गिरने की आहट
कानों मैं एक बार पहन के लौट आयी थी
पतझड़ की वो शाख अभी तक काँप रही है
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो

एक अकेली छतरी मैं जब आधे आधे भीग रहे थे
एक अकेली छतरी मैं जब आधे आधे भीग रहे थे
आधे सूखे आधे गीले, सुखा तो मैं ले आयी थी
गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो
वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो

एक सो सोला चाँद की रातें
एक तुम्हारे काँधे का तिल
एक सो सोला चाँद की रातें
एक तुम्हारे काँधे का तिल
गीली महेंदी की खुशबु झूठ मूठ के शिकवे कुछ
झूठ मूठ के वादे सब याद करा दो
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो

एक इजाज़त दे दो बस
जब इसको दफ़नाउन्गी
मैं भी वहीं सो जाउंगी
मैं भी वहीं सो जाउंगी

Wissenswertes über das Lied Mera Kuchh Samaan von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Mera Kuchh Samaan” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Mera Kuchh Samaan” von Asha Bhosle wurde von Gulzar, R D Burman komponiert.

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