Raat Akeli Hai [Revival]

MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

रात अकेली है बुझ गए दिए
आके मेरे पास कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है

तुम आज मेरे लिए रुक जाओ
रुत भी है फुरसत भी है
तुम्हे ना हो ना सही
मुझे तुमसे मोहब्बत है
तुम आज मेरे लिए रुक जाओ
रुत भी है फुरसत भी है
तुम्हे ना हो ना सही
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मोहब्बत की इजाज़त है
तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये

सवाल बनी हुई दबी दबी उलझन सिनो में
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनो में
सवाल बनी हुई दबी दबी उलझन सिनो में
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनो में
ठनी है दो हसीनों में
तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये

Wissenswertes über das Lied Raat Akeli Hai [Revival] von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Raat Akeli Hai [Revival]” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Raat Akeli Hai [Revival]” von Asha Bhosle wurde von MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN komponiert.

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