Saath Saath Tum Chalo

Gulzar, R D Burman

साथ साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
ओ साथ साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले

ओ साथ साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
साथ साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले
साथ साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
ला ल्ल ला ला ला ल्ल ला ला ला ल्ल ला ला ला ला ला ला ला

सुबह से कहेंगे जाके
अपना घर सम्भालिये
रात को जो सपने
दे गये थे वो निकालिए

ओ आपको खबर ना हो
सपने बेख़बर चले
ओ साथ साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
ला ल्ल ला ला ला ल्ल ला ला ला ल्ल ला ला ला ला ला ला ला

रोज़ चाड़के आस्मा पे (आ हा हा)
चाँद जब लगाएँगे
लौ भुझहने का भी समय (हो हो)
हम उसे बताएँगे

फूक से भुजा के चाँद चाँद के उधर चले
उधर चले उधर चले
ला ल्ल ला ला ला ल्ल ला ला

साथ साथ तुम चलो (साथ साथ तुम चलो)
तो रात रात भर चले (तो रात रात भर चले)
साथ साथ तुम चलो (साथ साथ तुम चलो)
तो रात रात भर चले (तो रात रात भर चले)

रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले
रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले
रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले
रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले
ओ रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले

Wissenswertes über das Lied Saath Saath Tum Chalo von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Saath Saath Tum Chalo” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Saath Saath Tum Chalo” von Asha Bhosle wurde von Gulzar, R D Burman komponiert.

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