Sanam Jab Ghar Se Nikal Ke Chalo

Majrooh Sultanpuri

सनम जब घर से निकल के चलो
जवानी के दिन है संभाल के चलो
हुज़ूर ना ऐसे मचल के चलो
अजी ज़रा हल्के चलो
सनम जब घर से निकल के चलो
जवानी के दिन है संभाल के चलो
हुज़ूर ना ऐसे मचल के चलो
अजी ज़रा हल्के चलो

नज़रे बचके उठाओ ना
देखो जी बुरा है जमाना
नज़रे बचके उठाओ ना
देखो जी बुरा है जमाना
रहो मे पड़े है हज़ारो
कही टकरा मत जाना
सनम जब घर से निकल के चलो
जवानी के दिन है संभाल के चलो
हुज़ूर ना ऐसे मचल के चलो
अजी ज़रा हल्के चलो

क्यू है नज़र खोई खोई
क्यू है अदा सोई सोई
क्यू है नज़र खोई खोई
क्यू है अदा सोई सोई
सुनलो हमारी सदा भी
हम भी तुम्हारे है कोई
सनम जब घर से निकल के चलो
जवानी के दिन है संभाल के चलो
हुज़ूर ना ऐसे मचल के चलो
अजी ज़रा हल्के चलो

खड़े हो कहा पहचान लो
अजी फिर चाहे मानो ना मानो
खड़े हो कहा पहचान लो
अजी फिर चाहे मानो ना मानो
बुरी है यहा की हवाए
भोले हो जी तुम क्या जानो
सनम जब घर से निकल के चलो
जवानी के दिन है संभाल के चलो
हुज़ूर ना ऐसे मचल के चलो
अजी ज़रा हल्के चलो
अजी ज़रा हल्के चलो

Wissenswertes über das Lied Sanam Jab Ghar Se Nikal Ke Chalo von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Sanam Jab Ghar Se Nikal Ke Chalo” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Sanam Jab Ghar Se Nikal Ke Chalo” von Asha Bhosle wurde von Majrooh Sultanpuri komponiert.

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