Sharan Tumhari Jagat Vidhata
धरती रुके आकाश झुके
पर झुक ना सकेगी मेरी आन रे
चाहे तन मन लूटे सारी दुनियाँ मिटे
लाज रखनी पड़ेगी भगवान रे
चाहे धरती रुके
चाँद तारे सभी साथ जागे मेरे
चाँद तारे सभी साथ जागे मेरे
नैन तुझको पुकारे ये आँसू भरे
चाहे सूरज ढले ,चाहे सुरज ढले
चाहे धरती जले चाहे चरणों में तेरी जाए जान रे
चाहे धरती रुके आकाश झुके
पर झुक ना सकेगी मेरी आन रे
चाहे तन मन लूटे सारी दुनियाँ मिटे
लाज रखनी पड़ेगी भगवान रे
चाहे धरती रुके
आ आ आ
ओढ़ी पीली चुनरियाँ बसंत आ गया
ओढ़ी पीली चुनरियाँ बसंत आ गया
फूल कलियों पे पतझड़ के जो छा गया
चाहे डूबे दिशा हाय काली निशा
तर कर ना सकेगा मेरा बालमा रे
चाहे धरती रुके आकाश झुके
पर झुक ना सकेगी मेरी आन रे
चाहे तन मन लूटे सारी दुनियाँ मिटे
लाज रखनी पड़ेगी भगवान रे
चाहे धरती रुके
आ आ आ
काली काली घटाए उमड़ने लगी
आँधियाँ से ये धरती उजड़ने ल्गी
आँधियाँ से ये धरती उजड़ने ल्गी
चाहे सागर बँधे तो ये जल तल रहे
पर लेके रहूंगी वरदान रे
पर लेके रहूंगी वरदान रे
चाहे धरती रुके आकाश झुके
पर झुक ना सकेगी मेरी आन रे
चाहे तन मन लूटे सारी दुनियाँ मिटे
लाज रखनी पड़ेगी भगवान रे
लाज रखनी पड़ेगी भगवान रे