Tum Jabse Jeevan Mein

Yogesh, Bappi Lahiri

तुम जब से जीवन में
खुशबु की तरह छाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये

मैं हूँ वही तुम हो वही मौसम है वही
बिखरी हुई फूलों
पर शबनम है वही
फिर क्यों पुरानी आज
कहानी लगती है नयी
जब से नए मतलब
यह जीने के समझ पाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये

कौन सी यह मंजिल
है कैसा है सफ़र
इतनी हसीं पहले
नहीं लगती थी डगर
इन् राहों पे आओ बसा
ले सपनो का नगर
जब से मुझे प्यार भरे
इस मोड़ पे तुम लाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये

तुमने छुआ मुझपे
हुआ जाने क्या असर
अनदेखी उठने
लगी मन में इक लहर
क्यों न यह लम्हे मिलके
चुन ले हम तुम झुमकर
जब से तेरे गीत मेरे
इन होंठों पर आये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये

Wissenswertes über das Lied Tum Jabse Jeevan Mein von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Tum Jabse Jeevan Mein” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Tum Jabse Jeevan Mein” von Asha Bhosle wurde von Yogesh, Bappi Lahiri komponiert.

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