Tum Jiyo Hazaron Saal

MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

ह हा हा ह हा हा

ल ल ला ला ह हा हा ह हा हा ह
सुम सुम सुम सुम
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हों पचास हज़ार

तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हों पचास हज़ार
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हों पचास हज़ार
ह हा हा ह हा हा

सूरज रोज़ आता रहे रोज़ गाता रहे
लेके किरणों के मेले
पलछिन कलियाँ गिन गिन तेरा हर दिन
तब तक रँगों से खेलें
सूरज
आ आ
आता रहे
ओ ओ
गाता रहे
लेके किरणों के मेले
आ आ आ आ
पलछिन
हा हा
गिन गिन
हे हे
हर दिन
तब तक रँगों से खेलें
आ आ आ आ
रँग जब तक बाकी है बहारों में
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हों पचास हज़ार
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हों पचास हज़ार

आ आ हा हा हा हा
ओ ओ ओ ओ
आ आ हा हा हा हा
आ आ आ आ
आ आ हा हा हा हा
ओ ओ ओ ओ
आ आ हा हा हा हा
यहाँ वहाँ शाम हो चाहे जहाँ
यूँ ही झूमे शमा सुनके तुम्हारी बातें
प्यार लिये चाँद का टीका लिये
यूँ ही जुगनू लिये चमके तुम्हारी रातें
यहाँ वहाँ
आ आ
चाहे जहाँ
ओ ओ
झूमे शमा सुनके तुम्हारी बातें
ओ ओ
प्यार लिये
हा हा
टीका लिये
हो हो
जुगनू लिये चमके तुम्हारी रातें
आ आ आ
नूर जब तक बाकी है सितारों में
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार
तुम जियो हज़ारों साल
साल के दिन हो पचास हज़ार(आह्ह आह्ह आह्ह हा हा हा)

Wissenswertes über das Lied Tum Jiyo Hazaron Saal von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Tum Jiyo Hazaron Saal” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Tum Jiyo Hazaron Saal” von Asha Bhosle wurde von MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN komponiert.

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