Yaad Teri Zindagi Ka Saz Ban Kar Rah Gayi

Shakeel Badayuni, Ghulam Mohammad

मैं तेरी शम्मा हूँ
ऐ कैसा तू परवाना है
तुझको दीवाना जो कहता है
वो दीवाना है

याद तेरी ज़िन्दगी का
याद तेरी ज़िन्दगी का
साज़ बन कर रह गयी
साज़ बन कर रह गयी
याद तेरी ज़िन्दगी का

दिल की हर धड़कन तेरी
दिल की हर धड़कन तेरी
आवाज़ बन कर रह गयी
साज़ बन कर रह गयी
याद तेरी ज़िन्दगी का

तू उधर नाशाद है और
मैं तड़पती हूँ इधर
तू उधर नाशाद है और
मैं तड़पती हूँ इधर
हो सके अब तक न दुनिया
क्या हकीकत की खबर
नाम पाकर भी महोबत
राज़ बन कर रह गयी
साज़ बन कर रह गयी
याद तेरी ज़िन्दगी का

क्यों भला धड़के मेरा दिल
इश्क के अंजाम से
क्यों भला धड़के मेरा दिल
इश्क के अंजाम से
याद करता है ज़माना
मुझको तेरे नाम से
हर अदा मेरी तेरा
अंदाज़ बन कर रह गयी
साज़ बन कर रह गयी
याद तेरी ज़िन्दगी का
साज़ बनकर रह गयी
साज़ बनकर रह गयी
याद तेरी ज़िन्दगी का

Wissenswertes über das Lied Yaad Teri Zindagi Ka Saz Ban Kar Rah Gayi von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Yaad Teri Zindagi Ka Saz Ban Kar Rah Gayi” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Yaad Teri Zindagi Ka Saz Ban Kar Rah Gayi” von Asha Bhosle wurde von Shakeel Badayuni, Ghulam Mohammad komponiert.

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