Yeh Hai Reshmi Zulfon Ka Andhera [Revival]

Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar

ये है रेशमी, ज़ुल्फ़ों का अन्धेरा ना घबराइये
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइये
ये है रेशमी, ज़ुल्फ़ों का अन्धेरा ना घबराइये
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइये
ये है रेशमी, ज़ुल्फ़ों का अन्धेरा ना घबराइये
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइये

सुनिये तो ज़रा, जो हक़ीकत है कहते हैं हम
खुलते रुकते, इन रंगीं लबों की क़सम
जल उठेंगे दिये जुगनुओं की तरह
जल उठेंगे दिये जुगनुओं की तरह
ये तबस्सुम तो फ़रमाइये हाहा हाहा
हाँ ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अन्धेरा ना घबराइये
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइये

ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला
प्यासी, है नज़र, हां, ये भी कहने की है बात क्या
तुम हो मेहमां, तो ना ठहरेगी ये रात क्या
रात जाये रहें, आप दिल में मेरे
रात जाये रहें, आप दिल में मेरे
अरमां बन के रह जाइये हाहा हाहा
हाँ ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अन्धेरा ना घबराइये
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइये

Wissenswertes über das Lied Yeh Hai Reshmi Zulfon Ka Andhera [Revival] von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Yeh Hai Reshmi Zulfon Ka Andhera [Revival]” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Yeh Hai Reshmi Zulfon Ka Andhera [Revival]” von Asha Bhosle wurde von Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar komponiert.

Beliebteste Lieder von Asha Bhosle

Andere Künstler von Pop rock