Salooq
ये कैसा सलूक़ है तेरा, साँवरे?
ये कैसा सलूक़ है तेरा, साँवरे?
गुलाब के फूलों को पत्थर क्यूँ जाने?
एक हम हैं, जो तुझको ख़ुदा मानते हैं
एक तू है, जो हम को बंदा भी ना माने
एक हम हैं, जो तुझको ख़ुदा मानते हैं
एक तू है, जो हम को बंदा भी ना माने
इश्क़ मनहूस इश्क़ है पाक
इश्क़ दे वर्गा ना कोई जवाक
इश्क़ जदो आजे आई उत्ते
फेर ऐ लैला मजनू ख़ाक
इश्क़ दी ओही रीत पुराणी
आ राजा मरजे, मरजे राणी
इश्क़ किसे पीर दे पैर दा कंडा
समझ ना आए बुरा या चंगा
इश्क़ जदो मारे ऐसा मारे
सिर ते आके डिग्गदे तारे
इश्क़ ते चलदी फिरदी मौत
इश्क़ ने शायर मारे बोहोत
इश्क़ ने शायर मारे बोहोत
है इश्क़ ने मारी
ऐ किन्नी दुनिया
ना छड्डे वे वड्डे
ना छड्डे न्याणे
इक हम है जो तुझको
खुदा मानते है
इक तू है जो हमको
बंदा भी ना माने
इक हम है जो तुझको
खुदा मानते है
इक तू है जो हमको
बंदा भी ना माने
नोच के खा लिया
मास दिलों ला लिया
खा के थोडा खुद
बाकी कुट्टेया नु पा लिया
की केहर कमा लिया
मैं होश भुला लेया
खा के थोडा खुद
बाकी कुट्टेया नु पा लिया
ओह साड्डे सीने ने खंजर
ते खंजर वी तीखे
अस्सी शमा नु रोये
ते राता नु चीखे
हुन साड्डी गली जे
तू आएगा कदे
तैनू दर्द खिलाने
ते हंजू पिलाने
इक हम है जो तुझको
खुदा मानते है
इक तू है जो हमको
बंदा भी ना माने
इक हम है जो तुझको
खुदा मानते है
इक तू है जो हमको
बंदा भी ना माने
जिगर दे चाहत ये
जुदाई तारें तो
सजाए मौत है
जुदाई तेरे तों
झूट की बोलणा
पानी ना सड़ जाए
दुआ मैं मंगी जानी
के तू मर जाए
ओ तेरा इश्क़ तबायफ
तबायफ भी ऐसी
जेडी सड़का ते नचदी
हाय बिलकुल ही वैसी
ओ जदो तेरी ऐ दुनिया
तों जाण अर्थी
तेनु मोड्डा हाय देण
लई लोक नी आणे
एक हम हैं, जो तुझको ख़ुदा मानते हैं
एक तू है, जो हम को बंदा भी ना माने
एक हम हैं, जो तुझको ख़ुदा मानते हैं
एक तू है, जो हम को बंदा भी ना माने