Bigadne De
इसी उम्र में तो करता है दिल
ख्वाहिशें गिरने फिसलने की
अर्रे ये भी कोई उम्र है क्या
सँभालने की
यही जवानी बन जानी है वजह
बेवजह इत्र के चलने की
अरे ये भी कोई उम्र है क्या
सँभलने की
हो लोगों के डर से हम अपने दिल की
मस्ती क्यों खोने दे
हरकत से अपनी नाराज़ दुनियां
होती है होने दे
बिगड़ने दे हमें ज़रा
सुधर के क्या करेंगे हम
बिगड़ने दे जो दिल में आएगा
वही करेंगे हम
बिगड़ने दे हमें ज़रा
सुधर के क्या करेंगे हम
बिगड़ने दे जो दिल में आएगा
वही करेंगे हम
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
सीधा सरल है ये फलसफा
मिले जो खुशियां रख ले ग़म को कर दफ़ा
बस ये जो पल है हैं काम का
इसके अलावा सब बेमतलब खामखा
हो आवारगी में अय्याशियों में
शामें डुबोने दे
हरकत से अपनी नाराज़ दुनियां
होती है होने दे
बिगड़ने दे हमें ज़रा
सुधर के क्या करेंगे हम
बिगड़ने दे जो दिल में आएगा
वही करेंगे हम
बिगड़ने दे हमें ज़रा
सुधर के क्या करेंगे हम
बिगड़ने दे जो दिल में आएगा
वही करेंगे हम
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे