Jhooti Mooti Mitwa Aawan Bole
GULZAR, BHUPEN HAZARIKA
जूठी मुठी मितवा आवाँ बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
जूठी मुठी मितवा आवाँ बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
बादलो पे चलाने को चाहु पिया
बादलो पे चलाने को चाहु पिया
आओ मेरा झूलना झुलाओ पिया
बन बन पपिहा पिहु बोले
जूठी मुठी मितवा आवाँ बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
रोग यह कैसा लागा मोहे
आरसी उठओ देखु तोहे
मॅन चंचल मोसे च्चल ना करे
बाँवरी बोले कभी पगली बोले
बाँवरी बोले कभी पगली बोले
कारी टोरी अखिया याद करू
आरसी में बार बार कजर भारू
मॅन मितवा कहे पिहु बोले
जूठी मुठी मितवा आवाँ बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
जूठी मुठी मितवा आवाँ बोले
भादो बोले कभी सावन बोले