Durge Durghat Bhari

PARESH N. SHAH

दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी
वारी वारीं जन्ममरणाते वारी
हारी पडलो आता संकट नीवारी
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी
सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी
जय देवी जय देवी

त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही
चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं
साही विवाद करितां पडिला प्रवाही
ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी
सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी
जय देवी जय देवी
प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां
क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा
अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा
नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी
सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी
जय देवी जय देवी

Wissenswertes über das Lied Durge Durghat Bhari von Chorus

Wer hat das Lied “Durge Durghat Bhari” von Chorus komponiert?
Das Lied “Durge Durghat Bhari” von Chorus wurde von PARESH N. SHAH komponiert.

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