Sach Karle Sapna

Hriju Roy, Ravi Basnet

जूनून (उ उ उ)
आ आ आ

बाँध ले मुठी भीच ले कस के
जोश ये भर ले तू नस नस मे
बाँध ले मुठी भीच ले कस के
जोश ये भर ले तू नस नस मे
जुनून की भट्टी मे सपने पिघला दे
नामुमकिन नही कुछ भी सबको बतला दे
तराश के अपने हाथो से नसीब अपना
सच कर ले सपना सच कर ले सपना (सपना आ आ)
सच कर ले सपना सच कर ले सपना (आ आ)

हां कर ले ऊंची दहलीज अपनी
भर छाती मा ऐसी ज्वाला
आ आ आ आ
हां कर ले ऊंची दहलीज अपनी
भर छाती मा ऐसी ज्वाला
मार कुल्हाड़ी धरती हिला दे
हजड़ दे सबके मुँह पे ताला
हो मेहनत की इस आग में तौका होगा तपना
सच कर ले सपना सच कर ले सपना (सपना आ आ)
सच कर ले सपना सच कर ले सपना (आ आ)

एक ना एक दिन मेहनत तेरी रंग लाएगी हा रंग लाएगी
तेरी कहानी पूर्वा हर दम दोहरएगी दोहराएगी (आ आ)
हो गरज बदरवा बनके बरस यहा पे जमके
क्रोध को अपनी नस नस मे तू भर ले
गरज बदरवा बनके बरस यहा पे जमके
क्रोध को अपनी नस नस मे तू भर ले
मंज़िल चाहे दूर हो जितनी कभी ना थकना
सच कर ले सपना सच कर ले सपना (सपना आ आ)
सच कर ले सपना सच कर ले सपना (आ आ)

Wissenswertes über das Lied Sach Karle Sapna von Divya Kumar

Wer hat das Lied “Sach Karle Sapna” von Divya Kumar komponiert?
Das Lied “Sach Karle Sapna” von Divya Kumar wurde von Hriju Roy, Ravi Basnet komponiert.

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