Ban Ke Bahaar Aayi Hu

Saba Afghani

बन के बाहर आई हू
लेके करार आई हू
फुलो की अंगड़ाई, तारो की परच्छाई
दिल मे उतार आई हू
ओ हो ओ हो हो
बन के बाहर आई हू
लेके करार आई हू
फुलो की अंगड़ाई, तारो की परच्छाई
दिल मे उतार आई हू
ओ हो ओ हो हो
बन के बाहर आई हू

दिन है सुहाने माइट
घाम के फसाने मेरे
सपनो मे मे का चमन
रंगी है ज़माने च्छेदे
दिल मे तराने नाचे
मान मोरा होके मगन
हे मस्ती मे झूम ले कलियो को चूम के
लेके बहारो का सिंगार आई हू
हे बन के बाहर आई हू
लेके करार आई हू
फुलो की अंगड़ाई, तारो की परच्छाई
दिल मे उतार आई हू
ओ हो ओ हो हो
बन के बाहर आई हू

बिगड़ी बनले मेरी
सुन मतवाले जले मान मे खुशी के दीए
जमके उजाले ज़रा नज़रे मिला ले
डोले जिया अब तेरे लिए
आए जगा नसीब है मंज़िल करीब है
मैं तेरी दुनिया संवार आई हू
हे बन के बाहर आई हू
लेके करार आई हू
फुलो की अंगड़ाई, तारो की परच्छाई
दिल मे उतार आई हू
ओ हो ओ हो हो
बन के बाहर आई हू
लेके करार आई हू
फुलो की अंगड़ाई, तारो की परच्छाई
दिल मे उतार आई हू
ओ हो ओ हो हो
बन के बाहर आई हू

Wissenswertes über das Lied Ban Ke Bahaar Aayi Hu von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Ban Ke Bahaar Aayi Hu” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Ban Ke Bahaar Aayi Hu” von Geeta Dutt wurde von Saba Afghani komponiert.

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