Chandni Raat Hai Gulshan Me Bahar

Aziz Kashmiri

चांदनी रात है गुलशन में बहार आई है
लुत्फ आ जाए जो ऐसे में कहीं आ जाए
लुत्फ आ जाए जो ऐसे में कहीं आ जाए
उनसे कहना कि वो पल भर के लिए पल भर के लिए
आ जाए दिल बेताब को जरा आके समझ जाए
उनसे कहना कि वो पल भर के लिए
फिर मेरे दिल को वफाओं का याकिन आने लगा
फिर मेरे दिल को वफाओं का याकिन आने लगा

हा हा याकिन आने लगा फिर मेरे सर की कोई झूठी कसम खा जाए
हा हा याकिन आने लगा फिर मेरे सर की कोई झूठी कसम खा जाए
हा खा जाए उनसे कहना कि पलभर के लिए पलभर के लिए
आ जाए यू मेरे दिल के तड़पने का तमाशा देखे
यू मेरे दिल के तड़पने का तमाशा देखे
हा हा तमाशा देखे
फिर मुझे ख्वाब में मिलने के लिए आ गए
हा फिर मुझे ख्वाब में मिलने के लिए आ गए
उनसे कहना की पलभर के लिए पलभर के लिए आ जाए

Wissenswertes über das Lied Chandni Raat Hai Gulshan Me Bahar von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Chandni Raat Hai Gulshan Me Bahar” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Chandni Raat Hai Gulshan Me Bahar” von Geeta Dutt wurde von Aziz Kashmiri komponiert.

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