Gori Tere Natkhat Naina

SHAILENDRA, KUMAR HEMANT

गोरी तेरे नटखट नैना
वार करे छुप जाए

सैया तेरे रस भरे बैना
सर सर बेन जगाये

गोरी तेरे नटखट नैना
वार करे छुप जाए

चुप चुप तेरा तन मन फुके
कितनी ये मीठी आग लगा दी

प्रेम लगन बिन जीना कैसा
प्रीत जीवन रीत सिखादि
प्रेमी मैं अलबेले
आग से आग बुझाए

सैया तेरे रस भरे बैना
सर सर रैन जगाये

गोरी तेरे नटखट नैना
वार करे छुप जाए

जिस पथ से तू पनघट जाए
उसपे मे आपने नैन बिछा दू

जिस सपने में तू आजाये
उसपे मे सारी उमर लूटा दू
तुम संग उलझे नैना
अब कैसे सुलझाये

अब आँखों में तुम ही तुम हो
तुम बिन साजन निकल नहीं पाऊँ

दिल तो चाहे तुझको चुरा के
जग से दूर कहीं ले जाऊं

कब तक धीर धरे हम कब प्रीत छुपाये(कब तक धीर धरे हम कब प्रीत छुपाये)
गोरी तेरे नटखट नैना
वार करे छुप जाए

Wissenswertes über das Lied Gori Tere Natkhat Naina von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Gori Tere Natkhat Naina” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Gori Tere Natkhat Naina” von Geeta Dutt wurde von SHAILENDRA, KUMAR HEMANT komponiert.

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