Is Jag Men Gharibon Ka Nahin

Dr. Safdar Aah

इस जग मे ग़रीबो का
नही कोई ठिकाना कोई ठिकाना
इस जग मे ग़रीबो का नही कोई ठिकाना
कोई ठिकाना दुखियारो को
दुखियारो को ठोकर का बनाते है निशाना
दुखियारो को ठोकर का बनाते है निशाना
इस जग मे ग़रीबो का नही कोई ठिकाना

सोने की चमक ले गयी आँखो की मुरब्बत
सोने की चमक ले गयी आँखो की मुरब्बत
इंसानो के दिल मे नही इंसान की मोहब्बत
इंसानो के दिल मे नही इंसान की मोहब्बत
कब तक मेरे भगवान
कब तक मेरे भगवान ये बदलेगा ज़माना
कब तक मेरे भगवान ये बदलेगा ज़माना
इस जग मे ग़रीबो का नही कोई ठिकाना

उगरे हुए दिल पर है टपकते हुए थाली
उगरे हुए दिल पर है टपकते हुए थाली
ए उँचे महल वालों
ए उँचे महल वालों ज़रा सुंगलो ये नाले
ए उँचे महल वालों ज़रा सुंगलो ये नाले

Wissenswertes über das Lied Is Jag Men Gharibon Ka Nahin von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Is Jag Men Gharibon Ka Nahin” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Is Jag Men Gharibon Ka Nahin” von Geeta Dutt wurde von Dr. Safdar Aah komponiert.

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