Kaha Phir Hum Kaha Phir Tum

Majrooh Sultanpuri

कहा फिर हम कहा फिर तुम कहा फिर ये रते
धड़कते दिल से होज़ाये ज़रा दो बाते
पुकारे दिल दीवाने मिल के यहा तूफान के बदल है
मनाए बरसते
कहा फिर हम कहा फिर तुम कहा फिर ये रते
धड़कते दिल से होज़ाये ज़रा दो बाते

उलफत के तारानो मे सब खोए हुए है
कहने को है जागे से पर सोए हुए है
उलफत के तारानो मे सब खोए हुए है
कहने को है जागे से पर सोए हुए है
ना घबराना ना शरमाना बुरी है ये बाते
कहा फिर हम कहा फिर तुम कहा फिर ये राते
धड़कते दिल से होज़ाये ज़रा दो बाते

अफ़साने निगाहो के सुनता जा दीवाने
फिर आए की ना आए मिलने के जमाने
अफ़साने निगाहो के सुनता जा दीवाने
फिर आए की ना आए मिलने के जमाने
पुकारे दिल दीवाने मिल
बड़ी मुस्किल से आई है ये मिलन की रते
कहा फिर हम कहा फिर तुम कहा फिर ये राते
धड़कते दिल से होज़ाये ज़रा दो बाते
पुकारे दिल दीवाने मिल के यहा तूफान के बदल है
मनाए बरसते
कहा फिर हम कहा फिर तुम कहा फिर ये रते
धड़कते दिल से होज़ाये ज़रा दो बाते

Wissenswertes über das Lied Kaha Phir Hum Kaha Phir Tum von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Kaha Phir Hum Kaha Phir Tum” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Kaha Phir Hum Kaha Phir Tum” von Geeta Dutt wurde von Majrooh Sultanpuri komponiert.

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