Kya Isi Ka Naam Hai Preet
मेरी आँखे
मेरी आँखे चम चम चमक उठे
होठों पर जागे गीत रे
होठों पर जागे गीत रे
क्या इसी का नाम है
प्रीत रे प्रीत रे
क्या इसी का नाम है
प्रीत रे प्रीत रे
महकी हुयी फूलो की गली थी
एक भौरा था एक काली थी
महकी हुयी फूलो की गली थी
एक भौरा था एक काली थी
काली भौरे से मिलने चली थी
होठों पे लिए संगीत रे हा गीत रे
क्या इसी का नाम है
प्रीत रे प्रीत रे
बोली काली
बोली काली अंगड़ाई लेकर
कच्ची कली को तोड़ न लेना
तोड़ न लेना
भौरा हाथ बढ़ा कर बोला
हाथ पकड़ कर
छोड़ न देना छोड़ न देना
भौरे की हो गयी
जीत रे हा जीत रे
क्या इसी का नाम है
प्रीत रे प्रीत रे
काली ने कहा तेरे पाइया पदु
मेरी नाजुक कलाई को छोड़ दे
भौरे ने कहा तुझे मेरी कसम
हाय दिल को दिलसे जोड़ दे
फिर क्या हुआ
फिर क्या हुआ ये पूछो न
ये नहीं यहाँ की
रीत रे हा रीत रे
क्या इसी का नाम है
प्रीत रे प्रीत रे
क्या इसी का नाम है
प्रीत रे प्रीत रे