Madhoshi Mein Tanhai Mein

Pandit Indra Chandra

मदहोशी मे तन्हाई मे
अंगड़ाई मे जब हुस्न नकाब उठता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
खामोशी मे तन्हाई मे
जब इश्क नशे मे आता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है

दो दिन की ज़िंदगी सनम
ना साथ छ्चोड़ना
अजी ना साथ छ्चोड़ना
तेरे लिए आए है हम
ना हाथ छोड़ना
अजी ना हाथ छोड़ना
समझने लगे है
तुम्हारी नज़र को हम
अजी किस बात का है गुम
धीरे से दिल के तरो पे जब
प्यार का बुलबुल गाता है
हा प्यार का बुलबुल गाता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है

सनम सुनो एक बात अपनी पहली मुलाकात
सनम सुनो एक बात अपनी पहली मुलाकात
गुजर जाए ना रात
गुजर जाए ना रात
क्या रत की औकात छुड़ा जाए जो हाथ
क्या रत की औकात छुड़ा जाए जो हाथ
जब हम तुम्हारे साथ
एक नज़र इधर एक नज़र उधर
जब खार भी खुसबु पता है
जब खार भी खुसबु पता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
मदहोशी मे अंगड़ाई मे
खामोशी मे तन्हाई मे
जब इश्क नशे मे आता है
जब हुस्न नकाब उठता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है
तब कोई किसी का हो ही जाता है (ओ तब कोई किसी का हो ही जाता है)

Wissenswertes über das Lied Madhoshi Mein Tanhai Mein von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Madhoshi Mein Tanhai Mein” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Madhoshi Mein Tanhai Mein” von Geeta Dutt wurde von Pandit Indra Chandra komponiert.

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