Main Jannat Ki Hoor Hoon

Asad Bhopali, Hansraj Behl

मैं जन्नत की हूर हूँ
जलवों से भरपूर हूँ
मस्त बना दूं चुपके चुपके
होश उड़ा दूं चुपके चुपके
मैं जन्नत की हूर हूँ
मैं जलवों से भरपूर हूँ
मस्त बना दूं चुपके चुपके
होश उड़ा दूं चुपके चुपके

मैं आऊँ तो कलिया छतके
शाखे झूमे नग्मे बरसे
शाखे झूमे नग्मे बरसे
छिप जाऊँ तो आँखें ढूंढूं
जी घबराए नज़रें तरसे
जी घबराए नज़रें तरसे

पास भी रह कर दूर हूँ
मैं जन्नत की हूर हूँ
मैं जलवों से भरपूर हूँ
मस्त बना दूं चुपके चुपके
होश उड़ा दूं चुपके चुपके

चाँद सामा सा छाव लगे
हो होंठों पे रंगीन उजाले
हो होंठों पे रंगीन उजाले
रंग गुलाबी चाल शराबी
सोचते हैं ये देखने वाले
सोचते हैं ये देखने वाले
जल के नशे में चूर हूँ
मैं जन्नत की हूर हूँ
मैं जलवों से भरपूर हूँ
मस्त बना दूं चुपके चुपके
होश उड़ा दूं चुपके चुपके

फूल सितारे चाँद निमोजे
सब मेरी परछाईयाँ
सब मेरी परछाईयाँ
दुनिया की हर चीज़ में छुपकर
लेती हूँ आँगड़ाईयाँ
लेती हूँ आँगड़ाईयाँ
मैं किरणों का नूर हूँ
मैं जन्नत की हूर हूँ
मैं जलवों से भरपूर हूँ
मस्त बना दूं चुपके चुपके
होश उड़ा दूं चुपके चुपके
मैं जन्नत की हूर हूँ

Wissenswertes über das Lied Main Jannat Ki Hoor Hoon von Geeta Dutt

Wer hat das Lied “Main Jannat Ki Hoor Hoon” von Geeta Dutt komponiert?
Das Lied “Main Jannat Ki Hoor Hoon” von Geeta Dutt wurde von Asad Bhopali, Hansraj Behl komponiert.

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