Soch Samajhkar Dil Ko Lagana
सोच समझकर दिल को लगाना देखो बुरा है ज़माना
भोली सूरत का धोका न खाना देखो बुरा है ज़माना
सोच समझकर दिल को लगाना देखो बुरा है ज़माना
धोखा न खाना धोखा न खाना
धोखा न खाना न न न न
प्यार की गली में दिलवालों जाना ज़रा संभल संभल के
फिरते है चोर लुटेरे रस्ते में भेस बदलके
धोका ना खाना जी धोखा न खाना
देखो बुरा है ज़माना सोच समझकर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़माना
धोखा न खाना धोखा न खाना
धोखा न खाना न न न न
दुनिया के इस बाजार में तन की है मन की प्यास नहीं
हुस्न की इस गुलजार में रंग ही रंग है बॉस नहीं
धोका ना खाना जी धोखा न खाना
देखो बुरा है ज़माना
सोच समझकर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़माना
धोखा न खाना धोखा न खाना
धोखा न खाना न न न न
प्रीत है कांच की चूड़ी ठेस लगी और चुर हुयी
शर्त वफ़ा की इस जग में किस को भला मंजुर हुयी
धोका ना खाना जी धोखा न खाना
देखो बुरा है ज़माना
सोच समझकर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़माना
भोली सूरत का धोखा न खाना
देखो बुरा है ज़माना