Ek Sannata Bhara Hua

GULZAR

एक सन्नाटा भरा हुआ था
एक गुब्बारे से कमरे में
तेरे फ़ोन की घंटी के बजने से पहले
बासी सा माहौल ये सारा थोड़ी देर को धड़का था
सांस हिली थी नब्ज़ चली थी
मायूसी की चिली आँखों से उत्तरी कुछ लम्हो को
फिर तेरी आवाज़ को आखरी बार
खुदा हाफ़िज़ कह के जाते देखा था
एक सन्नाटा भरा हुआ है
जिस्म के इस गुब्बारे में
तेरे आखरी फोन के बाद

Wissenswertes über das Lied Ek Sannata Bhara Hua von Gulzar

Wer hat das Lied “Ek Sannata Bhara Hua” von Gulzar komponiert?
Das Lied “Ek Sannata Bhara Hua” von Gulzar wurde von GULZAR komponiert.

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