Kahaan Chhupa Di Hai Raat
GULZAR
कहा छुपा दी है रात तूने
कहा छुपाए है तूने अपने गुलाबी हाथो के ठंडे फाए
कहा है तेरे लबो पे चेहरे
कहा है तू आज तू कहा है
ये मेरे बिस्तर पे कैसा सन्नाटा सो रहा है
कहा छुपा दी है रात तूने
कहा छुपाए है तूने अपने गुलाबी हाथो के ठंडे फाए
कहा है तेरे लबो पे चेहरे
कहा है तू आज तू कहा है
ये मेरे बिस्तर पे कैसा सन्नाटा सो रहा है