Son Machchri

Mark K Robin

जो सोन मछरी का बदन ले कर
डूबी रहती इस झील की तेह में
तुम चाँद की तरह आते इस झील के पानी पर
और रौशनी कर देते
अँधेरे मेरे घर में
तुम तैरते और कहते
इस झील की तन्हाई में
काश कोई होता
जो प्यार तुम्हे करता
में आती किनारे तक
और दोस्ती कर लेती
सोन मछली तुम्हारी
तन्हाई को भर देती
और तुमको सुकून मिलता
तुम सोचते
काश इस झील में सोन मछली रहा करती
काश इस झील में सोन मछली रहा करती

Wissenswertes über das Lied Son Machchri von Gulzar

Wer hat das Lied “Son Machchri” von Gulzar komponiert?
Das Lied “Son Machchri” von Gulzar wurde von Mark K Robin komponiert.

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