Aks Chehre Pe

HARIHARAN, TAHIR FARAZ

म्म म्म म्म म्म, आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ

अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है
अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है
किस इलाके में घर जनाब का है, ए ए ए ए ए
अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है
किस इलाके में घर जनाब का है, ए ए ए ए ए
अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है

जिस ज़ोाने में मैं हुआ पागल
जिस ज़माने में मैं हुआ पागल
वो ज़माना तेरे शबाब का है
वो ज़माना तेरे शबाब का है, ए ए ए ए ए
अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है

मेरी नज़रें भी हैं कुछ आवारा
मेरी नज़रें भी हैं कुछ आवारा
कुछ इशारा तेरी नकाब का है
कुछ इशारा तेरी नकाब का है, ए ए ए ए ए
अक्स चेहरे ऐ आफ़ताब का है
म्म म्म म्म म्म, आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ

तूने अच्छा किया के दिल तोड़ा
तूने अच्छा किया के दिल तोड़ा
ये ज़माना ही इंकलाब का है
ये ज़माना ही इंकलाब का है, ए ए ए ए ए
अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है

Wissenswertes über das Lied Aks Chehre Pe von Hariharan

Wer hat das Lied “Aks Chehre Pe” von Hariharan komponiert?
Das Lied “Aks Chehre Pe” von Hariharan wurde von HARIHARAN, TAHIR FARAZ komponiert.

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