Saraswati Chalisa

Sahil Sultanpuri, Hariharan, Akshay Hariharan, Atul Raninga

हे माँ वीणा धारिणी, धरहूँ चरण में शीश | वरनऊं यशो गाथा तेरी, मोकों दे आशीष सुमिरन करके माँ तेरा, लाई लेखनी हाथ | आन बिरजो दाहिने, लिखूँ न मिथ्या बात

सरस्वती जय वीणा धारिणी, श्वेत वस्त्र त्रिलोक विहारिणी,
श्वेत हंस माँ तेरी सवारी, धवल चंद्र भरे जों किलकारी

गले श्वेत मोतिन की माला, कानन कुंडल श्वेत विशाला मधुर हास अद्धारण पे सोहत श्वेत रूप माँ सकल जग मोहत

धरा गगन तुझपे बलिहारी शरणागत तेरी दुनिया सारी वीणा की झंकार से तेरी झंकृत हो जग लगे न देरी

अंतर्ज्ञान सूजग हो जाता सूरज आके नावाए माथा सकल चारा चर गुन तेरे गाते दसो दिशा जागृत कर जाते

तू करुणा गुन ज्ञान की सागर जाने जगत तू सर्व गुन आगर हाथन वेद पुराण विराजत लेखनी तुमहरे हाथ मे साजत

सुर नर मुनि सब तुझको ध्यावत सर्व तपस्वी ध्यान लगावत सकल सिद्धि सब तुझसे पावत माथे चरण रज तेरी धरावत

धरा गगन यश तेरा बखाने श्वेत ध्वजा चहू दिश लहराने चरहु युग तुझसे आलोकित सकल ज्ञान गुन कला विभूषित

सुमति दात्री कुमति नाशिनी कटूक वचन तजी मधुर भाषिनी सब पर कृपा दया सब तेरी अवगुन भगे न लागत देरी

तेरी कथा ऋग्वेद बखाने परम शांत तुझे सब जग माने सकल कलाओं की अधिष्ठात्री तुझसे प्रकांड विद्वान शास्त्री

तू उपकार जगत पे कर दे जग संपन्न सरवगुण कर दे खाली भिक्षा पात्र तू भर दे अष्ट सिद्धि नव निदधि से भर दे

ऋतु वसंत लिनहों अवतारा तिथि पंचमी कहट संसारा सजी धजी प्रकृति खुशी मनावत चहूँ दिश पुष्प गंध उड़ावत

मंद मंद डोलट पूरवाई छटा प्रकृति की बरन न जाई कली कली सगरी मुस्काई सोहर चहू दिस देत सुनाई

छटा बसनत की बरनी न जाई मगन वसंत करत पहुनाई डुलत एक खग मृग परिवारा भ्रमर करत सब जै जै कारा

शिल्पकार तेरी मूर्ति बनावत पूजा पाठ करी शीश झुकवात बिल्व पात अरु पुष्प चढ़ावत तेरे दरस की प्यास बुझावत

सातहू सुर अरु राग तुम्हारे गायन वादन तुम्हें सहारे तुझ बिन लेखन कार्य अधूरा रचना क्या संसार अधूरा

जा पर कृपा मातु तुम कीन्हा दुख नशाय सर्व सुख दीन्हा जाके शीश तू जाय बिराजत कामना पूर्ति में बेर न लागत

जाके कंठ तू जाए बिराजे गायन करत देर ना लागे कृपा दृष्टि बाल्मीकि पे किन्ही संस्कृति रामायण रची दिनही

कृपा दृष्टि तुलसी पे भारी राम चरित मानस लिख डारी आजार अमर दोऊ ग्रंथ पुराने बँचत पुण्य मिलत जग जाने

सकल जगत संगीत से बाँधा प्राण कृष्ण संगीत है राधा राग दीप की कथा अनंता गावात आग जलावत सांता

Wissenswertes über das Lied Saraswati Chalisa von Hariharan

Wer hat das Lied “Saraswati Chalisa” von Hariharan komponiert?
Das Lied “Saraswati Chalisa” von Hariharan wurde von Sahil Sultanpuri, Hariharan, Akshay Hariharan, Atul Raninga komponiert.

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