Ye Kesi Uljhan Hai
ये कैसी उलझने है च्छुए तो भी कैसे पिया
ये कैसी उलझने है च्छुए तो भी कैसे पिया
तर तर काँपे है बदन मोरा
जलता है क्यू ऐसे जिया
रात दिन तक यादो में तेरी
जिया जले मोरे पिया
रात बेचैन दिन है तन्हा कैसा है प्यार ये पिया
ये कैसी उलझने है च्छुए तो भी कैसे पिया
तर तर काँपे है बदन मोरा
जलता है क्यू ऐसे जिया
सिमटी सी हुई हन हुई शरमाई सी हन हुई
सिमटी सी हुई शरमाई सी देखी तेरी जब आडया
बेकाबू सी है हर घड़ी क्या करूँ तू ये बता
तेरी मेरी दो दिलो की है अजब ये दास्तान
हम मिलेंगे हन मिलेंगे
हर जन्म मे साथ साथ
सही ना जाए अब ये दूरी हसरते है अधूरी
रात बेचैन दिन है तन्हा ऐसा है प्यार क्यू पिया
ये कैसी उलझने है च्छुए तो मैं कैसे पिया
तर तर काँपे है
बदन मोरा जलता है क्यू ऐसे जिया