Bas Ek Chupsi Lagi Hai

Gulzar, KUMAR HEMANT

बस एक चुप सी लगी है
नहीं उदास नहीं
कहीं पे सांस रुकी है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

कोई अनोखी नहीं
ऐसी ज़िन्दगी लेकिन
खुब न हो
कोई अनोखी नहीं
ऐसी ज़िन्दगी लेकिन
खुब न हो
मिली जो खूब मिली है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

सहर भी ये रात भी
दोपहर भी मिली लेकिन
सहर भी ये रात भी
दोपहर भी मिली लेकिन
हमीं ने शाम चुनी
हमीं ने
शाम चुनी है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

वो दास्ताँ जो
हमने कही भी
हमने लिखी
वो दास्ताँ जो
हमने कही भी
हमने लिखी
आज वो खुद से सुनी है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

Wissenswertes über das Lied Bas Ek Chupsi Lagi Hai von Hemant Kumar

Wer hat das Lied “Bas Ek Chupsi Lagi Hai” von Hemant Kumar komponiert?
Das Lied “Bas Ek Chupsi Lagi Hai” von Hemant Kumar wurde von Gulzar, KUMAR HEMANT komponiert.

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