Sabr-E-Dil Toote
Raqueeb Alam
अलविदा, अलविदा
है ये दिल, की सदा
खुश तू रहना, सजना
सब्र-ए-दिल टूटे
आब्रेघाम फूटे
चुबहे नज़र तेरी
जैसे नश्तर
सिसकती है साँसें
तड़पति है बाहें
जुदा है अब राहें
जुदा है सफ़र
हो कदम कदम पे जो साया बनके
फिदा फिदा रहा
उसी ने करदी है बेवफ़ाई
की ये इंतेहाँ
कभी गम है
मरहम है
उसकी हसीन यादें
कभी दूरी, सिंदूरी
चाहत की सरहदें
सिसकती है साँसें
तड़पति है बाहें
जुड़ा है अब राहें
जुड़ा है सफ़र
ओ शमा पे जैसे जले पतंगा
जलू मैं प्यार में
तुझे भुला दूँ
नही रहा मेरे एखटेार मे
तेरा जितना, दिल चाहे
तरकश मे तीर रखले
चाहत ना कम होगी
ले इंतेहाँ ले
अलविदा, अलविदा
है ये दिल, की सदा
खुश तू रहना, सजना