Agar Tum Saath Ho [SlowedReverb]

Irshad Kamil

पल भर ठहर जाओ
दिल ये संभाल जाए
कैसे तुम्हे रोका करूँ
मेरी तरफ आता हर
गम फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूं
बिन बोले बातें तुमसे करूँ
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो

बहती रहती
नहर नादिया सी
तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है
तेरी चाहतों में
मैं ढाल जाती हूँ
तेरी आदतों में
अगर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में
है तेरे सपने
तेरे सपनो में
है नाराज़ी
मुझे लगता है
के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोकेबाज़ी
तुम साथ हो या ना
हो क्या फ़र्क है
बेदर्द थी ज़िंदगी बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
पलकें झपकते
ही दिन ये निकल जाए
बैठी बैठी भागी फिरून
मेरी तरफ आता हर
घाम फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूं
बिन बोले बातें तुमसे करूँ
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में
है तेरे सपने
तेरे सपनो में
है नाराज़ी
मुझे लगता है
के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोकेबाज़ी
तुम साथ हो या ना
हो क्या फ़र्क है
बेदर्द थी ज़िंदगी बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
दिल ये संभाल जाए
अगर तुम साथ हो
हर गम फिसल जाए
अगर तुम साथ हो
दिन ये निकल जाए
अगर तुम साथ हो
हर घाम फिसल जाए

Wissenswertes über das Lied Agar Tum Saath Ho [SlowedReverb] von Insane

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Das Lied “Agar Tum Saath Ho [SlowedReverb]” von Insane wurde von Irshad Kamil komponiert.

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