Apne Hathon Ki Lakeeron Mein Basale Mujhko

QATEEL, JAGJIT SINGH

अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको

मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने
ये तेरी सादा दिली मार ना डाले मुझको
ये तेरी सादा दिली मार ना डाले मुझको

ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन दामन
ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन दामन
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको

बादा फिर बादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ क़तील
बादा फिर बादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ क़तील
शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको

Wissenswertes über das Lied Apne Hathon Ki Lakeeron Mein Basale Mujhko von Jagjit Singh

Wann wurde das Lied “Apne Hathon Ki Lakeeron Mein Basale Mujhko” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Das Lied Apne Hathon Ki Lakeeron Mein Basale Mujhko wurde im Jahr 2004, auf dem Album “Jagjit Singh Digital Collection 1” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Apne Hathon Ki Lakeeron Mein Basale Mujhko” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Apne Hathon Ki Lakeeron Mein Basale Mujhko” von Jagjit Singh wurde von QATEEL, JAGJIT SINGH komponiert.

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