Baat Niklegi To Phir Door Talak

JAGJIT SINGH, KAFEEL AAZAR

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशां क्यूँ हो
उंगलियां उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़
एक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ़
चूड़ियों पर भी कई तंज़ किये जायेंगे
काँपते हाथों पे भी फ़िकरे कसे जायेंगे
लोग ज़ालिम हैं हर एक बात का ताना देंगे

बातों बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आयेंगे
बातों बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आयेंगे
उनकी बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना
वरना चेहरे की तासुर से समझ जायेंगे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी

Wissenswertes über das Lied Baat Niklegi To Phir Door Talak von Jagjit Singh

Wann wurde das Lied “Baat Niklegi To Phir Door Talak” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Das Lied Baat Niklegi To Phir Door Talak wurde im Jahr 2004, auf dem Album “Jagjit Singh Digital Collection 1” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Baat Niklegi To Phir Door Talak” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Baat Niklegi To Phir Door Talak” von Jagjit Singh wurde von JAGJIT SINGH, KAFEEL AAZAR komponiert.

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