Baat Saaki Ki

Habib Jalib

बात साक़ी की न टाली जाएगी
बात साक़ी की न टाली जाएगी
कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी
बात साक़ी की न टाली जाएगी

देख लेना वो न खाली जाएगी
देख लेना वो न खाली जाएगी
आह जो दिल से निकाली जाएगी
आह जो दिल से निकाली जाएगी

ग़र यही तर्ज़-ए-फुगाँ है अन्दलीब
ग़र यही तर्ज़-ए-फुगाँ है अन्दलीब
तू भी गुलशन से निकाली जाएगी
कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी
बात साक़ी की न टाली जाएगी

आते-आते आएगा उनको ख़याल
आते-आते आएगा उनको ख़याल
जाते-जाते बेख़याली जाएगी
जाते-जाते बेख़याली जाएगी

क्यू नहीं मिलती गले से तेग़-ए-नाज़
क्यू नहीं मिलती गले से तेग़-ए-नाज़
ईद क्या अब के भी खाली जाएगी
कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी

देख लेना वो न खाली जाएगी (देख लेना वो न खाली जाएगी)
आह जो दिल से निकाली जाएगी (आह जो दिल से निकाली जाएगी)

Wissenswertes über das Lied Baat Saaki Ki von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Baat Saaki Ki” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Baat Saaki Ki” von Jagjit Singh wurde von Habib Jalib komponiert.

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