Din Aa Gaye Shabab Ke

Madan Pal

दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये
होने लगी है शहर में हलचल संभालिये
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये

चलिए संभल संभल के कठिन राह-ऐ-इश्क़ है
चलिए संभल संभल के कठिन राह-ऐ-इश्क़ है
नाज़ुक बड़ी है आपकी पायल संभालिये
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये

सज धज के आप निकले सर-ए-राह ख़ैर हो
सज धज के आप निकले सर-ए-राह ख़ैर हो
टकरा न जाए आपका पागल संभालिये
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये

घर से ना जाओ दूर किसी अजनबी के साथ
घर से ना जाओ दूर किसी अजनबी के साथ
बरसेंगे जोर-शोर से बादल संभालिये
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये
होने लगी है शहर में हलचल संभालिये
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये

Wissenswertes über das Lied Din Aa Gaye Shabab Ke von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Din Aa Gaye Shabab Ke” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Din Aa Gaye Shabab Ke” von Jagjit Singh wurde von Madan Pal komponiert.

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