Ek Brahman Nekaha Hai

JAGJIT SINGH, SABIR DUTT

एक ब्राह्मण ने कहा है
के ये साल अच्छा है
एक ब्राह्मण ने कहा है
के ये साल अच्छा है

जुल्म की रात बहुत
जल्दी धलेगी एबटो
आग चल्हो में हर
एक रोज़ जलेगी एबटो
भुख के मारे कोई
बच्चा नहीं रोएगा
चैन की नींद हर इक
साक्ष यहां सोयेगा
आंधी नफरत की चलेगी
न कहीं अब के बरस
प्यार की फसल उगायगी
ज़मीन अब के बरस
है याकिन अब ना कोई
शोर-शराबा होगा
जुल्म होगा ना कहीं
खुन-खराब होगा
ओस और धूप के सदमे ना
सहेगा कोई
अब मेरे देश में
बे-घर ना रहेगा कोई
नए वादे का जो डाला है
वो जाल अच्छा है
रहनुमाओं ने कहा है
के ये साल अच्छा है
दिल के खुश रखने को
ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है
दिल के खुश रखने को
ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है
दिल के खुश रखने को
ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है।

Wissenswertes über das Lied Ek Brahman Nekaha Hai von Jagjit Singh

Wann wurde das Lied “Ek Brahman Nekaha Hai” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Das Lied Ek Brahman Nekaha Hai wurde im Jahr 2010, auf dem Album “Mirage - Jagjit Singh” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Ek Brahman Nekaha Hai” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Ek Brahman Nekaha Hai” von Jagjit Singh wurde von JAGJIT SINGH, SABIR DUTT komponiert.

Beliebteste Lieder von Jagjit Singh

Andere Künstler von World music