Ek Purana Mausam Lauta

Gulzar, Jagjit Singh

एक पुराना मौसम लौटा
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
एसा तो कम ही होता है वो भी हों तनहाई भी
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी

यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
कितनी सौंधी लगती है तब
कितनी सौंधी लगती है तब माज़ी की रुसवाई भी
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी

दो दो शक़्लें दिखती हैं इस बहके से आईने में
दो दो शक़्लें दिखती हैं इस बहके से आईने में
मेरे साथ चला आया है
मेरे साथ चला आया है आप का इक सौदाई भी
एसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी

ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
उनकी बात सुनी भी हमने
उनकी बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी
एसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी
एक पुराना मौसम लौटा
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी

Wissenswertes über das Lied Ek Purana Mausam Lauta von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Ek Purana Mausam Lauta” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Ek Purana Mausam Lauta” von Jagjit Singh wurde von Gulzar, Jagjit Singh komponiert.

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