Inteha Aaj Ishq Ki Kardi

Payam Sayeedi

इंतेहा आज इश्क़ की कर दी
इंतेहा आज इश्क़ की कर दी
आपके नाम ज़िन्दगी कर दी
आपके नाम ज़िन्दगी कर दी
इंतेहा आज इश्क़ की कर दी

था अँधेरा ग़रीब ख़ाने में
था अँधेरा ग़रीब ख़ाने में
था अँधेरा ग़रीब ख़ाने में
आपने आ के रौशनी कर दी
आपने आ के रौशनी कर दी
आपने आ के रौशनी कर दी
आपने आ के रौशनी कर दी

देने वाले ने उनको हुस्न दिया
देने वाले ने उनको हुस्न दिया
देने वाले ने उनको हुस्न दिया
और अता मुझको आशिक़ी कर दी
और अता मुझको आशिक़ी कर दी

तुमने ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे बिखरा कर
तुमने ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे बिखरा कर
तुमने ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे बिखरा कर
शाम रंगीन और भी कर दी
शाम रंगीन और भी कर दी
आपके नाम ज़िन्दगी कर दी
आपके नाम ज़िन्दगी कर दी
इंतेहा आज इश्क़ की कर दी
इंतेहा आज इश्क़ की कर दी
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

Wissenswertes über das Lied Inteha Aaj Ishq Ki Kardi von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Inteha Aaj Ishq Ki Kardi” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Inteha Aaj Ishq Ki Kardi” von Jagjit Singh wurde von Payam Sayeedi komponiert.

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